Thursday, April 25, 2024
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1903 में आरंभ हुआ था बराक घाटी रेलमार्ग

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

ब्रिटिश काल में साल 1882 से 1887 के बीच असम के बराक घाटी में लमडिंग बदरपुर के बीच रेल नेटवर्क स्थापित करने की योजना बनी। हालाँकि तब स्थानीय डिमासा जनजाति के लोग गोरों का अपने क्षेत्र में प्रवेश करने का काफी विरोध कर रहे थे। वे अपनी जीवन शैली में किसी बाहरी तकनीक का प्रवेश नहीं होने देना चाहते थे। पर इस विरोध की परवाह न करते हुए 25 अक्तूबर 1887 को गवर्नर जनरल ने इस क्षेत्र में रेल लाइन बिछाने की अनुमति प्रदान की। तब ब्रिटिश सरकार असम के पहाड़ी क्षेत्रों को चटगांव ( अब बांग्लादेश में) बंदरगाह को रेलवे से जोड़ना चाहती थी, जिससे एक विकल्प दिया जा सके और कोलकता बंदरगाह पर दबाव कम हो सके। साथ ही सरकार को लगता था ये रेल लाइन चाय बगानों से चाय की सप्लाई और कोयला ढुलाई के लिए मुफीद साबित होगी।

राहुल गांधी बोले – मुझे जेल भिजवा दें मोदी

राजीव रंजन झा : 

अपनी नागरिकता के बारे में सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों पर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पलटवार किया है और स्वामी के बदले सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है। राहुल ने प्रधानमंत्री को चुनौती दी है कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें जेल भेजा जाये।

क्या यूके की मतदाता सूची में भी नाम है राहुल गांधी का?

राजीव रंजन झा : 

जब इस बात के दस्तावेज सामने आये कि यूके में अपनी एक कंपनी के निदेशक के रूप में राहुल गांधी ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया तो कांग्रेस की ओर से सफाई आयी कि यह टाइपिंग की भूल है। लेकिन अगर राहुल गांधी का नाम यूके की मतदाता सूची में भी दिखे, तो क्या कांग्रेस इसे भी टाइपिंग की भूल बता कर रफा-दफा कर सकती है?

क्या यूके की मतदाता सूची में भी नाम है राहुल गांधी का?

राजीव रंजन झा : 

जब इस बात के दस्तावेज सामने आये कि यूके में अपनी एक कंपनी के निदेशक के रूप में राहुल गांधी ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया तो कांग्रेस की ओर से सफाई आयी कि यह टाइपिंग की भूल है। लेकिन अगर राहुल गांधी का नाम यूके की मतदाता सूची में भी दिखे, तो क्या कांग्रेस इसे भी टाइपिंग की भूल बता कर रफा-दफा कर सकती है?

गोरक्षा विमर्श

राकेश उपाध्याय, पत्रकार :

भए प्रकट कृपाला, दीनदयाला...

बिप्र धेनु सुर सन्त हित लीन्ह मनुज अवतार।... (बालकांड-192)

दीन-आम जनों की करुण पुकार सुन ली प्रभु ने और प्रकट हुए धरती पर असुरों के पाप से काँपती धरती को बचाने के लिए।...ब्राह्मण (सज्जन और सदा अध्ययन-अध्यात्म में निरत), गौमाता, देवता और सज्जनों के हित के लिए भगवान ने धरती पर मनुष्य शरीर धारण किया।...

ये तो थी बात भगवान राम की। असुर-राक्षसों के प्रकोप से गोवंश की रक्षा के लिए भी भगवान का अवतार होता है, यह भारत की अनादिकाल से लोकमान्यता है।

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