Tag: Alok Puranik
सेक्स कमजोरी के लेवल का स्टेटस
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
डेंगू से मरने वालों पर रोज छप रहा है। पर एक डाक्टर या क्लिनिक नहीं देखा,जो डेंगू का शर्तिया इलाज करता हो। शर्तिया इलाज करने वाले सारे डाक्टर सेक्स कमजोरी के इलाज में लगे हैं। अभी सेक्स कमजोरी को दूर करने वाले एक डाक्टर का इश्तिहार देखा, जिसमें बताया गया कि उऩ्हे लंदन, दोहा, कतर, मारीशस से सम्मान मिला है।
फेसबुक का लाइकाचार
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
जी मैं पुराने स्कूल का हूँ, कई महिला मित्र फेसबुक पर प्रोफाइल पिक अपडेट करती हैं, पर मैं उन्हे लाइक नहीं करता, मतलब लाइक करने का मन हो तो भी लाइक के सिंबल को क्लिक ना करता। सुंदर, बहुत स्मार्ट लिखने का दिल करता है, पर, पर उन्ही महिला मित्रों को बाक्सर भाई भी मेरे मित्र हैं, जो बरसों यह उद्घोषणा करते आ रहे हैं कि उनकी बहन की ओर आँख उठाकर भी किसी ने देखा तो उसे खल्लास कर देंगे। किसी महिला मित्र की फोटो को लाइक करने की इच्छा की क्षणों में वह बाक्सर भाई यह कहता दिख जाता है-अच्छा बेट्टे, मेरी बहन की तरफ ना सिर्फ तूने आँख उठाकर देखा, बल्कि उसे लाइक तक किया, आज निकलियो घर से।
दऊआ पहलवान गली
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
भद्र नाम था उस सड़क का -विद्यानिधि सर्वनाथ चंद्रालंकार मार्ग। पर सब उसे दऊआ पहलवान गली के नाम से ही जानते थे। दऊआ पहलवान स्थानीय गुंडे थे एक जमाने में, उनका नाम लेकर उस गली के शरीफ बाशिंदे पुलिस को डराते थे और नवोदित गुंडे दूसरे मुहल्ले के गुंडों को डराते थे।
कौन माने, कौन नहीं माने
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
वैधानिक चेतावनी-यह व्यंग्य नहीं है, हालांकि यह व्यंग्य पर ही है।
मैं अपने से ज्यादा युवा व्यंग्यकार से बात कर रहा था, बात यूँ चली-
जी वो तो मुझे व्यंग्यकार नहीं मानते।
किसके पड़ोस में
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
इश्तिहारी होर्डिंग्स बताती हैं कि फिल्म स्टार नीतू सिंह जी और ऋषि कपूर जी एनसीआर-नेशनल केपिटल रीजन की एक हाऊसिंग योजना में दिलचस्पी रखते हैं, आप चाहें, तो इनके पड़ोसी हो सकते हैं। इस एड से दूसरे आशय भी निकलते हैं।
युवाओं के दिल में
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
विकट अज्ञान और कनफ्यूजन में दिन बीते साहब। पहले एक सर्वे में साफ हुआ था कि भारतीय सन्नी लियोन (वस्त्र मुक्ति अभियान की वरिष्ठ कार्यकर्ता) के दीवाने हैं। मैं तो मान रहा था कि युवाओं के दिल में सन्नी लियोन बसती हैं। पर नहीं, कल मेरे मुहल्ले में बहुत पोस्टर दिखे, जिसमें लिखा था कि देश के युवाओं के दिल में बसने वाले एक नेता को युवाओं की माँग पर आगे लाया गया है।
जुल्फों में संविधान
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
उत्तराखंड के प्रकरण पर गंभीर संवैधानिक बहस चल रही थी एक टीवी चैनल पर।
गर्मी में उधारी
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
यह निबंध कक्षा आठ के उस बच्चे की कापी से लिया गया है, जिसने ग्रीष्मकालीन क्रियेटिव राइटिंग कंपटीशन में टाप किया है-
एक गमछात्मक पोस्ट
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
Anil Upadhyay जी के सौजन्य से बरसों बाद अपन गमछित हुए।
गर्मियों में गमछा बहुतै काम आता है। मेरे कई शौकों में से एक शौक यह है कि दिल्ली में मुँह उठा कर किसी भी दिशा में निकल जाना, इंडिया गेट से लेकर रोहिणी से लेकर द्वारिका तक के किसी पब्लिक पार्क में सोते हुए, आधे जागते हुए जमाने के हाल पर गौर फरमाना।
सिर्फ बिरयानी और फिल्में
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
पाकिस्तान से खबरें आ रही हैं, जिनके मुताबिक पाकिस्तान सरकार का कहना है कि पठानकोट में आतंकीकांड भारत सरकार ने खुद ही कराया है। पाकिस्तानी बयान के कुछ अंश इस प्रकार हैं-