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बिहार चुनाव में क्या फिर पलटी मारेंगे उपेंद्र कुशवाहा?
महागठबंधन से मुकाबले से पूर्व एनडीए में अंदरूनी घमासान
संदीप त्रिपाठी :
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए में जबरदस्त रार मची हुई है। बिहार में एनडीए में कुल चार दल भाजपा, जदयू, लोजपा और हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) हैं।
बिहार में महागठबंधन की छोटी पार्टियों की बड़बोली माँगें
संदीप त्रिपाठी
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल पिछले चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा बन कर लड़ने वाली जदयू के गठबंधन से निकल जाने के बाद अब शेष बड़े दल राजद और कांग्रेस इस बार ज्यादा-से-ज्यादा सीटें अपने पास रखने के पक्ष में हैं।
विरासत – पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय में दो लोकोमोटिव
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
हाजीपुर में पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय है। यह एक नया जोन है। शहर के रामाशीष चौक पर इसका मुख्यालय बना है। मुख्यालय के अंदर दो स्टीम लोकोमोटिव को लोगों के दर्शन के लिए लगाया गया है।
शहाबुद्दीनवादी सरकार क्या समझेगी शहादत का मोल…
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
बिहार के अमर शहीद अशोक सिंह की पत्नी और हमारी बहन संगीता ने शहीदों को दिए जाने वाले मुआवजों को लेकर जो सवाल उठाए हैं, उसने हमारी कई सरकारों और राजनीतिक दलों की बेशर्मी और फूहड़पने की पोल खोल कर रख दी है।
लंगट सिंह कॉलेज के वे दिन
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
वह 1987 का साल था जब मुझे हाई स्कूल यानी दसवीं पास करने के बाद कॉलेज में नामांकन लेना था। तब बिहार में 11वीं यानी इंटर से कॉलेज में पढ़ाई होने लगती थी। नंबर के आधार पर हमारा नामांकन मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज में हो गया।
‘उम्मीद’ की ज्योति जलाएं
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मेरी आज की पोस्ट पढ़ने से पहले आप उस तस्वीर को देखिएगा, जिसमें लड़की ने अपने मुँह पर नकाब बाँध रखा है।
रूबी के दोषियों को कब मिलेगी सजा?
निभा सिन्हा :
ऐसा लग रहा है कि बिहार के इंटरमीडिएट टॉपर स्कैंडल के दोषियों को सजा दे कर सरकार अपने सारे दोषों से मुक्त होना चाहती है। सिस्टम पर ही बात करनी है तो सिर्फ बिहार ही क्यूँ, समूचे देश की ही बात कर लेते हैं। कभी-कभी एकाध रूबी राय जाने किस मंशा से पकड़ ली जाती हैं तो थोड़े दिन शोर शराबा होता है और फिर सब शांत, जैसे कि समाधान कर दिया गया हो समस्या का।
योग का विरोध मुसलमानों को गुमराह करने के लिए
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
हम ईद की खुशियों और मोहर्रम के मातम में शरीक होकर मुस्लिम नहीं बन गए। हमारे मुसलमान भाई हमारी होली और दिवाली में शरीक हो कर हिन्दू नहीं बन गये। लेकिन देश के सियासतदान हमें पढ़ा रहे हैं कि अगर मुसलमान योग कर लेंगे, तो उनका धर्म भ्रष्ट हो जाएगा और इस्लाम खतरे में पड़ जाएगा।
ये जंगलराज नहीं है, ये पॉवर सेंटर का ‘बिखराव’ है
सुशांत झा, पत्रकार :
नीतीश कुमार की कानून-व्यवस्था को लेकर प्रतिबद्धता पर व्यक्तिगत रूप से मुझे कोई संदेह नहीं है। उन्होंने पिछले एक दशक में बिहार को ठीक-ठाक पटरी पर लाया है। लेकिन सीवान के पत्रकार की हत्या पर मेरी कुछ अलग राय है।