Thursday, March 28, 2024
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एडीजे उत्तम आनंद की हत्या : ढाई माह में ढाई कदम पर अटकी जाँच

जाँच में सीबीआई की टीम वहीं अटकी हुई है, जहाँ पुलिस ने जाँच शुरू की थी। इस बीच सीबीआई ने वैज्ञानिक जाँच का सहारा लिया। रहस्य की जानकारी देने वाले को पहले पाँच लाख तथा बाद में दस लाख रुपये का ईनाम देने के इश्तेहार चिपकाये गये। झारखंड उच्च न्यायालय भी अब तक की जाँच से संतुष्ट नहीं है। अब सीबीआई की ताक-झाँक कोयलांचल के चर्चित घरानों में शुरू हुई है।

बीमारू की राजनीति

संजय कुमार सिंह, संस्थापक, अनुवाद कम्युनिकेशन:   

बीमारू पर बड़ा कनफ्यूजन है। मुझे नहीं। कंफ्यूजन जानबूझकर पैदा किया जा रहा है। मोदी जी कह रहे हैं कि बिहार को बीमारू राज्य से बाहर निकालेंगे। मने बाकी को बीमारू ही रहने देंगे। जहाँ भाजपा की सरकार है उसे भी। आपको शायद ना मालूम हो पर झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान भी बीमारू राज्य हैं। नीतिश कुमार मोदी की तरह होते तो बताते। लेकिन वो बुरा मान जाते हैं। झटका खा जाते हैं। मुझे नहीं लगता कि आम आदमी खासकर 80 के दशक में पैदा हुई आज की युवा पीढ़ी को बीमारू राज्य का मतलब भी पता है। अगर पता होता तो यह दावा ही नहीं किया जाता कि बिहार को बीमारू राज्य से अलग करेंगे। बिहार को बीमारू से अलग कर देंगे तो “मारू” बचेगा। और आप से वो नहीं संभलने वाला।

झारखंड : क्या है बढ़े मतदान प्रतिशत के मायने

संदीप त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार :

बिहार से अलग हुए राज्य झारखंड में नयी विधानसभा के लिए तीन चरण के मतदान हो चुके हैं। वर्ष 2009 के मुकाबले इस बार मतदान प्रतिशत 6-8% बढ़ा हुआ दिख रहा है। इसके मायने क्या हैं? इस बार पहले चरण में 61.92%, दूसरे चरण में 64.68% और तीसरे चरण में 60.89% मतदान हुआ। इसके मुकाबले पिछली बार औसतन 55% वोट पड़े थे।

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