जेएनयू ने देश को क्या दिया?
दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
हारवर्ड और एमआईटी (MIT) बोस्टन विश्व विद्यालयों ने अमेरिका को अमेरिका बनाया। ऑक्सफोर्ड और केम्ब्रिज ने ब्रिटेन को नयी बुलंदिया दी। एएमयू (AMU)/ बीएचयू (BHU), मद्रास, बाम्बे और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी पर भी हमें कभी नाज था।
बनारस की एक शाम
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
जिसने भी बनारस के चुनाव को अपनी आँखों से नहीं देखा उसने इस चुनाव को देखा ही नहीं। शाम को गंगा के स्पर्श से हवायें मचलने लगी थी।
जब गर्दिश में हों तारे
दुर्दिन जो ना कराये। अपने दौर के कामयाब अभिनेता और मशहूर फिल्मकार मनोज कुमार। देशभक्ति की भावना से भरी-पूरी फिल्मों के चलते जिन्हें भारत कुमार कहा जाता था।
बिस्मिल्लाह का बनारस
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
आदरणीय खां साहब,
सोचा आपको एक खत लिखूँ। मैं आपकी मजार पर गया था। सहयोगी अजय सिंह की वजह से। अजय ने कहा कि वो मुझे कुछ याद दिलाना चाहते हैं। थोड़ी देर के लिए बिस्मिल्लाह खान की मजार पर ले चलते हैं।
अलाउड नहीं है…
सोनम झा :
बस चल रही थी टी.आर.वन ये बैरागढ़ के पहले से आती है और शायद आकृति से दूर तक जाती है मुझे ठीक से नहीं पता। यह भोपाल शहर की खासियत है कि यहाँ कोई भी सवारी हो जल्दी से एक जगह से दूसरी जगह पहुँच जाती हैं और जबसे पिछले चार सालों से ये लाल बसे भोपाल की सड़कों पर सरपट दौरने लगी हैं तब से भोपाल शहर की तो रौनक हीं बढ़ गयी है।
सिर्फ घाट नहीं है बनारस
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
इस शहर को देखने के लिए लगता है एक ही चश्मा बना है। इस चश्मे से बनारस के घाट दिखते हैं, प्रदूषित और मरनासन्न गंगा जी दिखती है।
इति श्री रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) पुराण
आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
अमेरिका के अखबार वाल स्ट्रीट जनरल ने रॉबर्ट वाड्रा की जमीन की बात की है। भारतीय मीडिया रॉबर्ट वाड्रा की जमीन की बात करता रहता है। इतनी जमीन, उतनी कितनी जमीन, कांग्रेस में उनसे ज्यादा जमीन से जुड़ा नेता कौन है, बतायें?
हवा पर हवा-हवाई
[caption id="attachment_5584" align="alignleft" width=""]आलोक पुराणिक[/caption]आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार
हवा पर इन दिनों हवा-हवाई तरीके से ना बोला जा सकता। एक बस स्टैंड पर मैं खड़ा था, बारिश का सीन था, हवा चल रही थी। मैंने ऐवैं ही कह दिया - हवा बहुत तेज चल रही है।
किसी ने लौटाया नहीं दाँतों का कर्ज
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
दूसरों की प्रेम कहानी सुनना बहुत आसान होता है, लेकिन अपनी प्रेम कहानी सुनाना मुश्किल। मैं तमाम लड़कियों को जानता हूँ, जो अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार और रवि शास्त्री जैसों से अपने लगाव की कहानी तो सुना देती हैं, लेकिन सामने वाले घर के 'ही मैन' की चर्चा करने में पसीने छूट जाते हैं।
सोते हुए बच्चे को न दुलारें, वरना…
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मैं कभी सोते हुए बच्चे को चुम्मा नहीं लेता। मुझे पता है कि सोते हुए बच्चे को चुम्मा लेने से कोई फायदा नहीं, उल्टे नुकसान है।
शाहरुख को चाहिए अपना निजी विमान
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मुझे कभी पैसे की कमी नहीं महसूस हुई। जब डेढ़ हजार रुपये महीने के मिलते थे, तब भी नहीं और आज तो बिल्कुल नहीं।
चैन की अच्छी नींद के लिए
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
उसे सोना था। उसे उठ कर फिर सुबह की भागदौड़ में शरीक होना था। वह देर रात घर आया। आते ही उसे सो जाना था, क्योंकि सुबह समय पर जगना ही था। लेकिन सोने से पहले उसने देखा कि बिस्तर ठीक नहीं है।