दुनिया की सबसे विशाल घड़ी – वृहद सम्राट यंत्र – जंतर मंतर जयपुर

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

जयपुर जंतर मंतर –  नाड़ी वलय यंत्र

वैसे तो देश में पाँच जंतर मंतर हैं। पर इनमें जयपुर का जंतर मंतर सबसे विशाल है। अपनी विशालता और विशेषताओं के कारण ही इसे दुनिया के विश्व दाय स्मारकों की सूची मे स्थान मिल सका है। सवाई जय सिंह ने देश में कुल पाँच शहरों में जंतर मंतर का निर्माण कराया।

यपुर के अलावा ये जंतर मंतर दिल्ली, वाराणसी, उज्जैन और मथुरा में बने हैं। वाराणसी की वेधशाला दशाश्वमेध घाट के पास मान मंदिर महल में है। सवाई जय सिंह से 1724 से 1734 के बीच दस सालों में ही देश में पाँच वेधशालाओं का निर्माण कराया। इससे उनकी विज्ञान में गहरी रुचि का पता चलता है। न सिर्फ सैलानियों बल्कि फिल्मकारों को भी जंतर मंतर अपनी ओर आकर्षित करता है। साल 2006 में आई हॉलीवुड की फिल्म द फाल की शूटिंग जयपुर जंतर मंतर के परिसर में हुई।

जयपुर के जंतर मंतर में कुल 20 स्थायी यंत्रों की श्रंखला है।  इन संरचनाओं का निर्माण कुछ इस तरह किया गया है कि इनकी मदद से नंगी आँखों से खगोल शास्त्र संबंधी गणनाएं की जा सकती हैं। जयपुर के जंतर मंतर का निर्माण 1734 में आरंभ होकर 1738 ईश्वी में पूरा हुआ। यहाँ विश्व की सबसे बड़ी सूर्य घड़ी है। इस जंतर मंतर के निर्माण में ज्यादातर लकड़ी, चूना- पत्थर और पीतल का इस्तेमाल किया गया है।

नाडी वलय यंत्र

पंडित जवाहर लाल नेहरू डिस्कवरी ऑफ इंडिया में लिखते हैं – सवाई जयसिंह ने इस वेधशाला के निर्माण से पहले विश्व के कई देशों में अपने सांस्कृतिक दूत भेज कर वहाँ से खगोल-विज्ञान के प्राचीन और महत्वपूर्ण ग्रंथों की पाँडुलिपियाँ मंगवाईं थीं और उन्हें अपने पोथीखाने में संरक्षित कर अपने अध्ययन के लिए उनका अनुवाद भी करवाया था। इस वेधशाला के सभी प्राचीन यन्त्र आज भी ठीक अवस्था में हैं। इनके माध्यम से मौसम, स्थानीय समय, ग्रह नक्षत्रों और ग्रहण अदि खगोलीय परिघटनाओं की एकदम सटीक गणना आज भी की जा सकती है। कहा जाता है कि इस वेधशाला की गणना के आधार पर जयपुर के पंचांग का प्रकाशन होता है।

दुनिया की सबसे बड़ी घड़ी

वृहद सम्राट यंत्र को विश्व की सबसे बड़ी सूर्य घड़ी मानी जाती है। यह करीब 90 फीट ऊंचा है। इसके दीवार पर समय बताने के निशान हैं। इसे घंटे, मिनट और मिनट के चौथे भाग तक समझा जा सकता है। इसके अलावा इस जंतर मंतर परिसर में जय प्रकाश यंत्र और राम यंत्र प्रमुख यंत्र हैं।

साल 2010 में यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हैरिटेज सूची में शामिल किया। तब से ही यह देश का 32 विशाल सांस्कृतिक धरोहरों की सूची का हिस्सा बन गया। राजस्थान की राजधानी जयपुर में चाँदपोल बाजार से आगे चलते हुए जैसे ही आप हवा महल को पार करते हैं जंतर मंतर दिखाई देने लगता है। यहाँ पहुंचिए और अतीत के साथ विज्ञान की दुनिया में कुछ घंटे के लिए खो जाइए।

(देश मंथन 20 अगस्त 2016)

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