नरेंद्र मोदी का शपथ-समारोह जितना सफल और सार्थक रहा, अब से पहले किसी भी प्रधानमंत्री का नहीं रहा। मंत्रिमंडल के निर्माण पर तो मैं कल लिख ही चुका हूँ लेकिन मुझे डर था कि दक्षेस राष्ट्रों के नेताओं के आगमन पर कोई अप्रिय घटना न हो जाये। इसीलिए जैसे ही मियां नवाज शरीफ दिल्ली पहुँचे, टीवी चैनलों ने कहना शुरू कर दिया कि वे शपथ-समारोह के पहले ही पत्रकार-परिषद करने की अनुमति चाहते हैं।
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का यह ऐतिहासिक दिन है, जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और उनके मंत्रिमंडल ने भी। इस मंत्रिमंडल में उनके संसदीय दल का लगभग सही प्रतिनिधित्व हुआ है लेकिन फिर भी मोटी-मोटी कुछ कमियाँ भी दिखायी पड़ती हैं।
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बीजेपी को लोक सभा में अपने बूते पर बहुमत है। जबकि सहयोगियों के साथ उसकी संख्या 336 है। बीजेपी के अलावा एनडीए की ऐसी ग्यारह पार्टियाँ और हैं जिन्होंने लोक सभा में सीटें जीती हैं। इनमें शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी की संख्या दहाई में है।
नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उन्हें मिले विशाल जनादेश की ओट में आनंदी बेन पटेल का मुख्यमंत्री चुना जाना लोकतांत्रिक परंपरा के बारे में कुछ सवाल खड़े कर जाता है।
न भाजपा ने कहा और न ही नरेंद्र मोदी ने! दोनों ने ही नहीं कहा कि हमें आपसे संबंध बढ़ाने हैं लेकिन फिर भी ओबामा प्रशासन बधाइयाँ भेज रहा है। भारत की दाढ़ी सहला रहा है। मुझे गालिब की एक पंक्ति इस मौके पर याद आ रही है।
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
वोटों की गिनती 16 मई को सुबह शुरू होगी और दोपहर तक तस्वीर साफ हो जायेगी कि किसकी सरकार बनेगी। अगर जनमत सर्वेक्षणों और एक्जिट पोल के रूझान परिणाम में बदलते हैं, तो नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार बन सकती है।
पीयूष गोयल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और राज्य सभा सांसद, भाजपा :
यूपीए सरकार महँगाई दर घटाने के लिए ब्याज दरें बढ़ाती है, जबकि हमारा कहना है कि महँगाई दर और ब्याज दर दोनों में कमी आ सकती है अगर आपूर्ति के पक्ष पर ध्यान दिया जाये। वे पहले भ्रष्टाचार करते हैं, उसके बाद ढिंढोरा पीटते हैं कि हम उसको रोकेंगे।
पूरे वाराणसी में भाजपा की दो ही प्रकार की होर्डिंग लगी है। एक में भाजपा बनारस और गंगा को लेकर नारे लिखे हैं और दूसरे में इन्हीं बातों को लेकर नरेंद्र मोदी की तस्वीरें हैं। सिर्फ मोदी की तस्वीरें। लेकिन पटेलों के इलाक़े में बीजेपी का प्रचार कवर मुझे ये पर्चा दिखा।
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
‘नीच राजनीति’ करने के प्रियंका गांधी के आरोप का नरेंद्र मोदी ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया है। मोदी ने इसे अपनी पिछड़ी जाति की पृष्ठभूमि से जोड़ दिया है।
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बीजेपी का प्रचार अभियान इस बार जितना बड़ा है शायद उतना पहले कभी नहीं रहा है। इसका विस्तार टेलीविजन, अखबार, रेडियो और सड़कों पर लगे होर्डिंग में दिख रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व महागठबंधन में नया घमासान शुरू हो गया है। महागठबंधन में राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किये जाने पर महागठबंधन के दो सहयोगी दलों - राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने आवाज उठायी है।
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए में जबरदस्त रार मची हुई है। बिहार में एनडीए में कुल चार दल भाजपा, जदयू, लोजपा और हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल पिछले चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा बन कर लड़ने वाली जदयू के गठबंधन से निकल जाने के बाद अब शेष बड़े दल राजद और कांग्रेस इस बार ज्यादा-से-ज्यादा सीटें अपने पास रखने के पक्ष में हैं।
कोरोना की श्रृंखला तोड़ने की लड़ाई हम उसी दिन हार गये थे, जब दिल्ली में हजारों-लाखों मजदूरों की भीड़ को उत्तर प्रदेश की बस चलने के नाम पर आनंद विहार में जुटा दिया गया था।