सेकंड सेक्स, प्लीज देखो सेंसेक्स

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आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :

वैधानिक चेतावनी-यह व्यंग्य नहीं है

POWER AND FREEDOM FLOWS FROM THE LAYERS OF PURSE-प्रोफेसर सैमुअल बायरन का यह स्टेटमेंट बहुत यथार्थवादी है। ताकत और स्वतंत्रता पर्स से बहती हैं।

पर्स खाली है, तो कुछ भी ना कर सकते, सिवाय शिकायती होने के। महिलाओं से लंबे संपर्क-संवाद के बाद में मैं अकसर कई महिलाओं को यह कहते पाता हूँ-जी रुपये पैसे के मामले में तो मैं बिलकुल जीरो हूँ। मुझे नहीं पता, रुपये पैसे के बारे में कुछ भी।

मैं उनके इस बयान पर यह कहता हूँ कि आप आधी बात कह रही हैं। दरअसल आप रुपये खर्च करने के मामले में जीरो नहीं हैं, हाँ उसे कमाने और बचाने से जुड़े ज्ञान के मामले में बिलकुल जीरो हैं। थोड़ा उसे भी समझ लें।

सेकंड सेक्स सिमोन दि बुवा की ऐतिहासिक कृति है, जिसमें महिला संबंधी मसलों पर गहराई से विचार किया गया है। सेकंड सेक्स यानी वुमेन पावर से मेरा निवेदन है कि कुछ सेंसेक्स पर भी ध्यान दे दिया करें, जिससे रुपये कमाने और बचाने पर भी कुछ समझ पायें आप।

सेंसेक्स को अपनी कमाई का साथी बनाइये। सेंसेक्स क्या है, सेंसेक्स यानी देश की शीर्ष 30 कारोबारी कंपनियों के शेयर भावों को बतानेवाला एक आंकड़ा है। देश की हर बड़ी कंपनी सेंसेक्स का हिस्सा है, कोई एयरटेल फोन का यूज करता है, तो उसके खर्च का एक हिस्सा भारतीय एयरटेल कंपनी को मिलता है, जो सेंसेक्स का हिस्सा है। भारती एयरटेल का मुनाफा बढ़ता है, तो सेंसेक्स में शामिल एयरटेल के शेयर के भाव बढ़ते हैं। एचडीएफसी बैंक अगर किसी कर्ज पर मुनाफा कमाता है, तो सेंसेक्स पर उसका असर दिखता है, एचडीएफसी बैंक सेंसेक्स का हिस्सा है।

मोटे तौर पर यूँ समझें कि सेंसेक्स देश की टाप कारोबारी कंपनियों का जमावड़ा है और मोटे तौर पर हम मान लें कि रुपये कमाने की समझ टाटा कंपनियों, मारुति, हीरो मोटो में कम से कम हमारे मुकाबले ज्यादा है। सेंसेक्स में एक नहीं हर उद्योग की कंपनियाँ हैं। टाटा मोटर्स से लेकर इनफोसिस साफ्टवेयर कारोबार तक।

यानी कुल मिलाकर पूरे के पूरे सेंसेक्स की कंपनियों पर मंदी नहीं आ सकती। एक उद्योग मंदी में हो सकता है। दो हो सकते हैं, पर एक साथ सारी कंपनियां मंदी में नहीं होतीं, यानी सेंसेक्स में निवेश का मतलब हुआ आप एक साथ कई उद्योगों की बड़ी कंपनियों में कारोबार में अपना हिस्सा ले रही हैं। यह हिस्सा जाहिर है मुफ्त में ना मिलेगा। आपके पास सिर्फ हजार रुपये हैं हिस्सा खरीदने के लिए, तो आपके लिए एक खास इंतजाम है, जिसे मुचुअल फंड कहते हैं।

म्यूचुअल यानी मिलजुलकर फंड यानी रकम। तमाम निवेशक मिलजुलकर रकम इकठ्ठी करें, फिर वह रकम ऐसे तमाम बड़े शेयरों में लगा दी जाये। इन शेयरों के भाव हमेशा बढ़ेंगे, ऐसा नहीं कहा जा सकता। पर आप अपने कामन सेंस से समझ सकती हैं कि आपके घर-बाजार के आसपास जो टाप-दुकानें हैं, तीन, पांच, दस सालों में उनके भाव बढ़ने ही हैं, कम नहीं होने। यानी आप तीन, पांच दस सालों का हिसाब देखें, तो बड़े कारोबार के भाव बढ़ने ही होते हैं।

कारोबार में आपके हिस्से को इंगलिश में शेयर कहते हैं यानी आप जब कोई शेयर खरीदते हैं, तो किसी कारोबार में एक हिस्सा खरीदते हैं, वो हिस्सा महंगा होता जाता है और आप उस हिसाब से ज्यादा संपन्न होते जाते हैं।

सेंसेक्स में निवेश करनेवालों ने इस हिसाब से कमाया है-

एक साल में रिटर्न-38.96%

तीन साल में सालाना रिटर्न-20.06%

पांच साल में सालाना रिटर्न-11.92%

दस सालों में सालों में सालाना रिटर्न-14.41%

एचडीएफसी म्यूचुअल फंड का एक प्लान है-एचडीएफसी सेंसेक्स प्लस प्लान इसमें निवेशक की रकम का 80 से 90% हिस्सा सेंसेक्स कंपनियों में लगाया जाता है, 10 से 20% हिस्सा सेंसेक्स कंपनियों के अलावा दूसरी कंपनियों में लगाया जाता है। यानी कुल मिलाकर निवेशक आश्वस्त रह सकता है कि उसके निवेश का 80 से 90% हिस्सा देश की टापमटाप कंपनियों के कारोबार में ही लग रहा है। सेंसेक्स प्लस के रिटर्न इस प्रकार हैं-

एक साल में रिटर्न-44.80%

तीन साल में रिटर्न-20.48% सालाना

पांच साल में रिटर्न-13.77% सालाना

दस साल में रिटर्न- 17.64% सालाना

यह रिटर्न बैंक डिपाजिट या सोने से मिलने वाले रिटर्न से लगभग दोगुना है।

जानकारी के लिए यह समझा जा सकता है कि म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए हजारों लाखों नहीं चाहिए होते हैं। हर महीने हजार रुपये भी जमा करके इस स्कीम में निवेश किया जा सकता है, इस तरह के निवेश को बोलते हैं, सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी, सिप।

हर महीने हजार आप उन कारोबारियों को दे दें, जिन्हे पैसा कमाने की समझ आपके मुकाबले बेहतर है यानी टाटा कंपनियां, मारुति सुजुकी कंपनी, हीरो मोटो कंपनी। जब आप किसी कंपनी में नौकरी करते हैं, तो आप एक कंपनी में नौकरी करते हैं, जब आप सेंसेक्स प्लस में निवेश करते हैं, तो मारुति सुजुकी और हीरो मोटो कंपनी आपके लिये काम करती है। उनकी कमाई के रिकार्ड हम से अधिकांश की कमाई के रिकार्ड से बेहतर ही हैं।

हर महिला से मेरा निवेदन है कि एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के सेंसेक्स प्लस में हर महीने कुछ ना कुछ निवेश करें, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। पर मेरी जानकारी में सेंसेक्स प्लस जैसा प्लान किसी और म्यूचुअल फंड के पास है नहीं। सेंसेक्स में निवेश करें और पांच साल बाद अपना निवेश देखें और दस साल बाद उसे बेचें। सेंसेक्स के रिटर्न लंबे वक्त में बेहतरीन हो जाते हैं।

आप यूँ करें कि गूगल पर अपने शहर की एचडीएफसी म्यूचुअल फंड की ब्रांच का पता सर्च करें, उन्हे काल करें और निवेश शुरू कर दें, सिर्फ 1000 रुपये से भी शुरुआत संभव है।

मैं जानता हूं, आप मुझे कुछ सालों बाद थैंकू बोलनेवाली हैं।

-इस विषय पर मैं लेक्चर, वर्कशाप में भी समझा सकता हूँ। कोई अगर संपर्क करना चाहे, तो मुझसे संपर्क कर सकता है। महिलाओं के लिए होनेवाली सेंसेक्स वर्कशाप में मैं फीस आधी कर देता हूँ। 

(देश मंथन, 09 मार्च 2015)

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