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कोरोना की श्रृंखला तोड़ने की लड़ाई हम उसी दिन हार गये थे, जब दिल्ली में हजारों-लाखों मजदूरों की भीड़ को उत्तर प्रदेश की बस चलने के नाम पर आनंद विहार में जुटा दिया गया था।
यदि बाबा रामदेव अपनी दवा का नाम कोरोना के आधार पर कोरोनिल रखने के बदले कुछ अलग रखते, इसे कोरोना की दवा कहने के बदले रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा (इम्युनिटी बूस्टर) कहते, तो इतना बड़ा बखेड़ा खड़ा नहीं हुआ होता। दवा तो उनकी तब भी बिक जाती। आज के माहौल में सुपरहिट ही रहती।
एक दवा है एचसीक्यूएस। मलेरिया के इलाज में काम आती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बोल दिया कि इससे कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं। भाई लोगों ने पक्ष-विपक्ष दोनों में मोर्चा खोल दिया।
इस देश में पैसों के लेन-देन को लेकर विवाद और मार-पीट होना, हत्या तक हो जाना कोई नयी बात नहीं है। लेकिन ऐसी किसी घटना को सनसनीखेज बनाने के लिए मीडिया इसमें जाति का कोण ढूँढ़े, राजनीतिक एजेंडाबाज इसमें एक नया रोहित वेमुला या भारत का जॉर्ज फ्लॉइड तलाशने लगें, तो उन्हें गिद्ध कहना क्या किसी तरीके से गलत होगा?
कोई भी कठिन समय बहुत कष्ट देता है, लेकिन जाते-जाते कुछ सिखा भी जाता है हमें। कोरोना भी कुछ ऐसा ही कर जायेगा। हालाँकि अभी यह गया नहीं है। जानकारों की मानें तो यह अभी और दर्द देकर जायेगा। जायेगा तो है ही, आज नहीं तो कल। लॉकडाउन ही सबसे आसान तरीका है इस घड़ी से निपटने का। हो सकता है इस लॉकडाउन से ऊब भी होने लगी हो।
पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है। आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वह कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है। लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है।
भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के ऐसे तीन पहलू हैं, जिन पर डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे का प्रभाव होने वाला है। पहला तो रणनीतिक पहलू है। इसमें द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक – तीनों तरह की बातें हैं। इन रणनीतिक पहलुओं पर ट्रंप की इस यात्रा की तैयारी के चरण में काफी प्रगति हुई है। लिहाजा इस संबंध में काफी सकारात्मक असर रह सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व महागठबंधन में नया घमासान शुरू हो गया है। महागठबंधन में राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किये जाने पर महागठबंधन के दो सहयोगी दलों - राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने आवाज उठायी है।
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए में जबरदस्त रार मची हुई है। बिहार में एनडीए में कुल चार दल भाजपा, जदयू, लोजपा और हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल पिछले चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा बन कर लड़ने वाली जदयू के गठबंधन से निकल जाने के बाद अब शेष बड़े दल राजद और कांग्रेस इस बार ज्यादा-से-ज्यादा सीटें अपने पास रखने के पक्ष में हैं।
कोरोना की श्रृंखला तोड़ने की लड़ाई हम उसी दिन हार गये थे, जब दिल्ली में हजारों-लाखों मजदूरों की भीड़ को उत्तर प्रदेश की बस चलने के नाम पर आनंद विहार में जुटा दिया गया था।