Friday, May 10, 2024

Kamlendra Rai

1260 पोस्ट0 टिप्पणी

हो सके तो दो-चार मानवाधिकारवादियों को भी बोनट पर घुमा दीजिए!

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

वैसे हमारे प्रगतिशील बुद्धिजीवियों ने एक कथित पत्थरबाज को जीप की बोनट पर बाँधने के लिए सेना की खूब आलोचना की है, लेकिन मुझे लगता है कि सेना को ऐसे एक नहीं, सौ पत्थरबाज (सिर्फ पत्थरबाज) पकड़ने चाहिए और घाटी में अपने तमाम ऑपरेशनों और आवाजाही के दौरान उन्हें अपनी गाड़ियों के आगे टाँगे रखना चाहिए।

लीलण एक्सप्रेस से सुनहले शहर जैसलमेर की ओर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:  

बीकानेर से जैसलमेर जाने वाली ट्रेन का नाम लीलण एक्सप्रेस (12468) है। नाम कुछ अनूठा लगा तो जानने की इच्छा हुई।

पापड़, भुजिया, दालमोट मतलब बीकानेर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:  

पापड़, भुजिया और दालमोट। मतलब बीकानेर। राजस्थान का बीकानेर शहर। बीकानेर कई बातों के लिए जाना जाता है।

सुबह लाठी, शाम चपाती …!!

तारकेश कुमार ओझा, पत्रकार :

न्यूज चैनलों पर चलने वाले खबरों के ज्वार-भाटे से अक्सर ऐसी-ऐसी जानकारी ज्ञान के मोती की तरह किनारे लगते रहती हैं, जिससे कम समझ वालों का नॉलेज बैंक लगातार मजबूत होता जाता है। 

यमराज की सेल्फी

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :   

सावित्री परेशान थी कि हाय सत्यवान की जान कैसे बचेगी। यमराज आयेंगे, तो सत्यवान के प्राण लिये बगैर तो ना मानेंगे। यमराज की ड्यूटी-पराणयता की बात तो जगत में सबको ज्ञात थी।

रिश्तों में निवेश कीजिए

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

चार साल पहले भी मेरा नाम संजय सिन्हा था। लेकिन तब मैं संजय सिन्हा की जिंदगी जीता था। 

रिश्तों के बारे में आत्ममंथन करें

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक : 

मुझे अपने परिचित से पूछना ही नहीं चाहिए था कि तुम्हारी मौसी कहाँ चली गईं? मैंने पूछ कर बहुत बड़ी गलती की और उस गलती का खामियाजा ये है कि आज कुछ लिखने का मन ही नहीं कर रहा है। रात भर सोने का उपक्रम करता रहा, करवटें बदलता रहा। फिर लगा कि आपसे इस बात को साझा कर लूं, शायद मेरा दुख थोड़ा कम हो जाए। 

हाँ, अकबर नाम है मेरा… शहंशाह गुजरे जमाने का…

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:  

धुआं उड़ाती सिटी बजाती रेलगाड़ियां अब इतिहास हो चुकी हैं। या तो फिल्मों में देखा होगा आपने या बुजुर्गों से सुना होगा। हरियाणा के रेवाड़ी के स्टीम शेड में कुल 10 स्टीम लोकोमोटिव देखे जा सकते हैं। इसमें कुछ चालू हालत में हैं। इनमें से एक है अकबर। शान से खड़ा यह विशाल स्टीम लोकोमोटिव जैसे आपसे कह रहा हो अकबर नाम है मेरा...

प्रचंड जनादेश का ईवीएम की ओट में अपमान मत कीजिए

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :

ईवीएम मशीन पर छेड़छाड़ का आरोप यूपी, उत्तराखंड के जनादेश का क्या अपमान नहीं ? विरोध करने वाले वही हैं जो देश में वर्षों से लूटखसोट में लिप्त रहे हैं। अपना भाड़ सा मुँह खोल कर हर दिन कांग्रेस की टीआरपी गिराने वाले दिग्गी

फेयरी क्वीन से एक मुलाकात

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:  

दिल्ली से रेवाड़ी। हरियाणा का शहर। दूरी 80 किलोमीटर। पहचान स्टीम लोकोमोटिव का सुंदर संग्रहालय। रेलवे के इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए रेवाड़ी के स्टीम लोकोमोटिव संग्रहालय की यात्रा जरूरी है।

Cart
  • No products in the cart.