राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता का सवाल

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राजीव रंजन झा

राहुल गांधी पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे हैं। इस नाते वे स्वाभाविक रूप से भारत के ही नागरिक हुए। वे सोनिया गांधी के बेटे हैं। उनके जन्म के समय सोनिया गांधी इटली की नागरिक थीं। इस नाते इटली के कानूनों के अनुसार राहुल गांधी अपने-आप ही इटली की नागरिकता के पात्र बन जाते हैं। 

पर क्या अपने अब तक के जीवन में स्वयं राहुल गांधी ने कहीं इटली के नागरिक होने का दावा किया? क्या कहीं इटली के नागरिक के रूप में पासपोर्ट हासिल किया, या उस हैसियत से कहीं कोई दस्तावेज दाखिल किया? अगर हाँ, तो माना जायेगा कि उन्होंने जानबूझ कर दोहरी नागरिकता रखी, जिसकी अनुमति भारतीय कानून नहीं देता है। लेकिन अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो अपने-आप इटली की नागरिकता का पात्र होने के आधार पर उन्हें भारत में दोहरी नागरिकता का दोषी नहीं कहा जा सकता। 

दूसरा सवाल ब्रिटेन की नागरिकता का है। पहले भी ऐसे दस्तावेज सामने आ चुके हैं, जिनके अनुसार राहुल गांधी ने एक ब्रिटिश कंपनी बैकऑप्स लिमिटेड के निदेशक के रूप में स्वयं को ब्रिटिश नागरिक बताया। हालाँकि ऐसे दस्तावेजों के आधार पर 2015 में सर्वोच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। लेकिन उस मामले की खबर के विस्तार में जायें तो सर्वोच्च न्यायालय ने समीक्षाधीन दस्तावेजों को फ्रिवोलस करार देते हुए वह मामला सुनने से ही इन्कार कर दिया था। 

आरोप यह है कि ब्रिटिश कंपनी बैकऑप्स लिमिटेड के निदेशक के रूप में दाखिल दस्तावेजों में कई बार राहुल गांधी ने स्वयं को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया। अब ताजा स्थिति यह है कि गृह मंत्रालय ने ब्रिटिश नागरिकता के प्रश्न पर राहुल गांधी से 15 दिनों में जवाब माँगा है। यानी राहुल गांधी को इस अवधि में सबूतों के साथ बताना होगा कि उन्हें ब्रिटिश नागरिक दर्शाने वाले जो दस्तावेज सामने आये हैं, वे सही हैं या गलत। राहुल गांधी को या तो स्पष्ट करना होगा कि ये दस्तावेज झूठे हैं। हालाँकि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उसी कंपनी का एक अन्य दस्तावेज सामने रख कर बताया है कि उस कंपनी के संस्थापक के रूप में राहुल गांधी ने अपनी नागरिकता भारतीय बतायी थी। 

लेकिन सवाल राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता पर नहीं उठे हैं। सवाल यह उठा है कि क्या किसी भी अवधि में राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक थे? सवाल यह है कि जिन दस्तावेजों में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक दिखाया गया है, वे दस्तावेज असली हैं या नकली? अगर वे दस्तावेज असली हैं तो राहुल गांधी स्वयं को एक ही कंपनी के दस्तावेजों में कभी ब्रिटिश नागरिक और कभी भारतीय नागरिक क्यों बताते रहे? इन सारे सवालों के जवाब तभी मिलेंगे, जब गृह मंत्रालय के नोटिस पर राहुल गांधी अपना जवाब दाखिल करेंगे और उनके जवाब को गृह मंत्रालय कितना संतोषजनक पाता है। इसलिए हमें फिलहाल राहुल गांधी के जवाब का इंतजार करना चाहिए। हालाँकि बहुत संभव है कि गृह मंत्रालय के निर्णय के बाद भी यह मसला फिर से सर्वोच्च न्यायालय में पहुँचेगा। 

(देश मंथन, 30 अप्रैल 2019)

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