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शमशेरा : हिंदू घृणा और वामपंथी एजेंडा से भरी फिल्म को दर्शकों ने नकार दिया
नेशनल हेराल्ड मामले का फैसला आ सकता है लोकसभा चुनाव से पहले
पाकिस्तान में बढ़ती शर्मनाक घटनाएँ, फिर भी पश्चिमी देशों का दुलारा पाकिस्तान
लिबरल खेमा वैश्विक उथल-पुथल से प्रफुल्लित क्यों है?
राजनीति
नेशनल हेराल्ड मामले का फैसला आ सकता है लोकसभा चुनाव से...
समाचार विचार
शमशेरा : हिंदू घृणा और वामपंथी एजेंडा से भरी फिल्म को दर्शकों ने नकार दिया
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उदयपुर की घटना : आतंकी हत्या पर सेक्युलरों ने सभी धर्मों को क्यों लपेटा?
गैंगवार के आतंक से फिर सहमा वासेपुर
द कश्मीर फाइल्स : विवेक अग्निहोत्री ने उठा दी झूठ की दुकान
चुनाव
बिहार चुनाव में क्या फिर पलटी मारेंगे उपेंद्र कुशवाहा?
महागठबंधन से मुकाबले से पूर्व एनडीए में अंदरूनी घमासान
संदीप त्रिपाठी :
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए में जबरदस्त रार मची हुई है। बिहार में एनडीए में कुल चार दल भाजपा, जदयू, लोजपा और हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) हैं।
बिहार में महागठबंधन की छोटी पार्टियों की बड़बोली माँगें
संदीप त्रिपाठी
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल पिछले चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा बन कर लड़ने वाली जदयू के गठबंधन से निकल जाने के बाद अब शेष बड़े दल राजद और कांग्रेस इस बार ज्यादा-से-ज्यादा सीटें अपने पास रखने के पक्ष में हैं।
देश मंथन फेसबुक पर
4 hours ago
क्या 1857 की क्रांति विफल रही थी?
नहीं, उसने ऐसा डर अंग्रेजों के मन में भरा था, जिसके चलते 1946 में नौसैनिक विद्रोह पूरी तरह परवान चढ़े बिना ही उन्होंने हड़बड़ी में भारत को स्वतंत्र कर दिया। ... See MoreSee Less
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1 week ago
अब टाटा 1 एमजी Tata 1mg से ज्यादा छूट पड़ोस की दवा दुकानें दे देती हैं... ... See MoreSee Less
1 week ago
युवराज को पता भी नहीं है कि उनकी जेएनयू टोली ने चुपके से उनकी पार्टी का नाम बदल कर आईएनसी-एमएल कर दिया है! ... See MoreSee Less
1 week ago
मुख्तार अंसारी कोई विचाराधीन अपराधी नहीं था, हत्या के दो मामलों में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनायी जा चुकी थी।
और ऐसे लोगों का सच अदालतों से ज्यादा खुद जनता जानती रहती है। फिर भी, वह चुनाव जीतता रहता था, जेल के अंदर रहते हुए चुनाव जीतता रहता था। कोई कहेगा कि लोग डर कर वोट दे देते थे। लेकिन मरने के बाद भी कब्रिस्तान के बाहर जो भीड़ जमा थी, उसे सबने देखा ही।
तो अखिलेश यादव आज मुख्तार अंसारी का मातम मनाने उसके "फाटक" पर पहुँचे तो इसमें कोई आश्चर्य है क्या? जब लोगों को मुख्तार का सच मालूम था, मालूम है, और सपा-बसपा का उसे मिलने वाला संरक्षण सबको मालूम था, मालूम है, उसके बाद भी लोग अपना वोट देते हैं अपराधी को भी, उसके संरक्षक को भी, तो राजनीतिक दल क्यों कोई शर्म करेंगे एक अपराधी की सरपरस्ती करने में? उन्हें वोट चाहिए, अपराधी का संरक्षक बन कर वोट मिलते हैं तो उसी तरह से लेंगे... ... See MoreSee Less
1 week ago
राजनीतिक लोगों में विचारधारा के लिए समर्पण खोजना अब निरर्थक है। राजनीति अब पूरी तरह से एक करियर है। कॉर्पोरेट जगत में लोग जिस तरह कंपनी बदलते ही नयी कंपनी के गुण गाने लगते हैं, अपनी नयी कंपनी की बिक्री बढ़ाने और पुरानी कंपनी की बिक्री तोड़ने में जुट जाते हैं, वैसे ही राजनीतिक दलों में नेता लोग टिकट नहीं मिलने पर या अच्छा पद नहीं मिलने पर उसी तरह दल बदल लेते हैं, जिस तरह से कॉर्पोरेट जगत में लोग प्रमोशन नहीं मिलने पर, बॉस से बात बिगड़ जाने पर, और ऐसे तमाम कारणों से नौकरी बदल लेते हैं।
फिर कभी लगता है कि नौकरी बदल कर गलती कर ली, तो पुराने बॉस से माफी माँग कर वापस पुरानी नौकरी भी माँग ली जाती है। ... See MoreSee Less
जानकारों की राय
राग-बाजारी
शमशेरा : हिंदू घृणा और वामपंथी एजेंडा से भरी फिल्म को दर्शकों ने नकार दिया
नेशनल हेराल्ड मामले का फैसला आ सकता है लोकसभा चुनाव से पहले
पाकिस्तान में बढ़ती शर्मनाक घटनाएँ, फिर भी पश्चिमी देशों का दुलारा पाकिस्तान
लिबरल खेमा वैश्विक उथल-पुथल से प्रफुल्लित क्यों है?
रॉकेट्री फिल्म के बहाने फिर सामने आयी हिंदुओं के प्रति वामपंथी घृणा!
इन चार परिवारवादी दलों का भविष्य है अंधकार में
अर्थ सार
किसानों की आमदनी दोगुनी करने में कितना योगदान कर सकेगा बजट 2022?
चीन की सख्ती से बेदम बिटकॉइन
चुटकुले
गब्बर सिंह का चरित्र चित्रण
दसवीं की परीक्षा में गब्बर सिंह का चरित्र चित्रण करने के लिए कहा गया। एक छात्र ने उसका चरित्र चित्रण कुछ इस तरह लिखा :
तेज दौड़ने की गति परीक्षा
पुरुषों के लिए : आप की पत्नी कितना तेज दौड़ सकती है, यह देखना है तो जोर से यह चिल्लाइये -
दवा जो पूरे शहर में नहीं मिली
मरीज - डॉक्टर साहब, आपने पर्चे के पीछे जो दवा लिखी है, वह पूरे शहर में कहीं नहीं मिल रही है। क्या करूँ?
सुंदर लड़की का हाथ पाने के लिए
एक लड़के ने बड़ी उत्कंठा से एक साधु बाबा से पूछा - बाबा जी, किसी सुंदर लड़की का हाथ पाने के लिए क्या करना चाहिए?
इसको कहीं देखा है
एक पागल आइने में खुद को देख कर सोचने लगा कि यार इसको कहीं देखा है।
मच्छरों की विधवाएँ
मालिक ने नौकर से कहा - मच्छर मार दो, बहुत हो गये हैं...!
विमान में घर जैसा माहौल
आदमी हवाई जहाज़ से उतरा तो दरवाजे पर खड़ी एयर होस्टेस बोली -
सुख-साधन
रिलायंस ने पेश किया सस्ता 4जी स्मार्टफोन
देश मंथन डेस्क :
रिलायंस ने लाइफ के साथ मिलकर 2,999 रुपये में 4G स्मार्टफोन बाजार में उतारा है। यह फोन आपको चार वर्जन लाइफ फ्लेम3, फ्लेम4, फ्लेम5 और फ्लेम6 के नाम से मिलेंगे।
भारत में लॉन्च हुई सबसे सस्ती बाइक
देश मंथन डेस्क :
अमेरिका की लक्जरी मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनी इंडियन मोटरसाइकिल ने स्काउट 60 बाइक को भारतीय बाजार में उतारा है।
महिंद्रा (Mahindra) ने पेश की केयूवी100 (KUV100) नाम से नयी एसयूवी
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) ने अपनी एक नयी एसयूवी गाड़ी महिंद्रा केयूवी100 (Mahindra KUV100) नाम से बाजार में उतार दी है, जो 4 मीटर से कम लंबाई वाली श्रेणी में एक कॉम्पैक्ट एसयूवी है।
व्हाट्सऐप्प (Whatsapp) अब वेब पर भी उपलब्ध
लोकप्रिय मैसेजिंग सेवा व्हाट्सऐप्प का इस्तेमाल अब पर्सनल कंप्यूटर या लैपटॉप पर भी इंटरनेट के माध्यम से किया जा सकता है।
आम आदमी पार्टी
जनता के सारे भरम तोड़ डाले केजरीवाल ने
अभिरंजन कुमार :
केजरीवाल की बीमारी सिर्फ यह नहीं है कि वे खुद को छोड़ कर बाकी सबको चोर, बेईमान, भ्रष्ट मानते हैं, बल्कि उनकी बीमारी यह भी है कि वे खुद को छोड़ कर बाकी सबको मूर्ख, बेवकूफ और अनपढ़ भी मानते हैं।
आपका क्या होगा जनाबे आली
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
"मैं बिहार से आया हूँ। आप का प्रचार करने। सर किराये पर कमरा लेने गया तो पूछा किस लिए चाहिए। मैंने सही बता दिया कि अरविंद केजरीवाल का प्रचार करने आया हूँ।
वैधानिक चेतावनी : हिटलर और केजरीवाल की इन तस्वीरों में संबंध नहीं
जैसे-जैसे चुनावी सरगर्मियाँ परवान चढ़ रही हैं, वैसे-वैसे विभिन्न दलों के बीच जुबानी जंग भी तीखी होती जा रही है। लेकिन नेताओं की जुबानी जंग के बीच सामाजिक माध्यमों (सोशल मीडिया) पर लोगों की रचनात्मकता भी खूब गुल खिला रही है।
मुल्ला मुलायम और सलीम योगेंद्र यादव में फर्क क्या?
विकास मिश्रा, आजतक :
योगेंद्र यादव आम आदमी पार्टी के नेता हैं, बोलते हैं तो जुबां से मिसरी झरती है।
भाजपा
मुकुल रॉय के जाने से भाजपा के लिए सबक
वैचारिक आत्मदैन्य से बाहर आती भाजपा
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
उत्तर प्रदेश अरसे बाद एक ऐसे मुख्यमंत्री से रूबरू है, जिसे राजनीति के मैदान में बहुत गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था।