कब्रिस्तान और श्मशान पर क्या कहा मोदी ने

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उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करते हुए फतेहपुर की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कब्रिस्तान और श्मशान को लेकर एक ऐसी टिप्पणी की, जिसकी विरोधियों ने जम कर आलोचना की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस रैली में कहा, “गाँव में अगर कब्रिस्तान बनता है, तो गाँव में श्मशान भी बनना चाहिए।” विरोधियों का आरोप है कि भाजपा अब इस चुनाव को हिंदू बनाम मुसलमान के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की ओर ले जाने की कोशिश में है। मगर दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी को पूरे संदर्भ में देखना चाहिए।

प्रस्तुत है प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के इस विवादित हिस्से से पहले और बाद के अंशों को शामिल करते हुए वह हिस्सा, जिसमें इस टिप्पणी का पूरा संदर्भ शामिल है। इस संदर्भ से पाठक स्वयं यह समझ सकते हैं कि मोदी ने सांप्रदायिक कार्ड खेला है, या ऐसा कार्ड खेलने वालों पर प्रहार किया है। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का यह अंश बिना संपादन के शब्दशः प्रस्तुत है –

“हमने उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस के चूल्हे दिये, हमने ये नहीं पूछा कि भई मोदी बनारस का एमपी है तो बनारस वालों को ही मिलेगा। जी नहीं। उत्तर प्रदेश के हर कोने में समान रूप से मिलेगा। हमने ये नहीं कहा कि सिर्फ हिंदू को मिलेगा, मुसलमान को नहीं मिलेगा। हर किसी को मिलेगा। जिसका भी नंबर आता है लाइन में, सबको मिलेगा। हमने ये नहीं कहा कि ये जाति को मिलेगा, वो जाति को मिलेगा। नहीं। गाँव की जो सूची है, सूची के अनुसार हर किसी को बारी-बारी से मिलता जायेगा और आने वाले दिनों में हर किसी का हक पूरा कर दिया जायेगा। 

भाइयों-बहनों, मेरा पराया नहीं चलता है। सरकार को ये करने का हक नहीं है। और इसलिए भाइयों-बहनों, उत्तर प्रदेश में भेदभाव – ये सबसे बड़ा संकट है। अन्याय की जड़ों में भेद-भाव है। आप मुझे बताइये, भेदभाव है कि नहीं है? भेदभाव है कि नहीं है? मैं तो हैरान हूँ साहब! दलित को पूछो, वो कहता है मुझे हक का नहीं दे रहे हैं। ओबीसी वाले ले जाते हैं। ओबीसी वालों को पूछो तो बोले मेरे हक का नहीं देते, वो सिर्फ यादव को दे देते हैं। यादव को पूछो तो बोले उनके परिवार से जो जुड़े हैं, सिर्फ उन्हीं को मिलता है बाकी सब मुसलमानों को चला जाता है, यादव को भी नहीं मिलता। हर कोई शिकायत कर रहा है। भाइयों-बहनों, ये भेदभाव नहीं चल सकता। जिसका भी हक है, किसी भी माता की कोख से पैदा हुआ है, हर किसी को उसके हक का मिलना चाहिए, ये सबका साथ सबका विकास होता है, और भारतीय जनता पार्टी उस पर चलती है। 

भाइयों-बहनों, गाँव में अगर कब्रिस्तान बनता है, तो गाँव में श्मशान भी बनना चाहिए। अगर रमजान में बिजली मिलती है, तो दीवाली में भी बिजली मिलनी चाहिए। अगर होली पे बिजली मिलती है, तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए। भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार का काम है भेदभाव मुक्त शासन चलाने का। किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। धर्म के आधार पर पे तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए। जाति के आधार पर बिल्कुल नहीं होना चाहिए। ऊँच-नीच के आधार पर बिल्कुल नहीं होना चाहिए। सबका साथ सबका विकास – यही मंत्र को आगे बढ़ा कर के आपसे मैं आज आशीर्वाद लेने आया हूँ।”

(देश मंथन, 20 फरवरी 2017)

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